चाणक्य नीति की बातें 1 श्लोक जो बताता है कौन है आपका शुभचिंतक | Chanakya Niti ki baatein hindi mein

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चाणक्य नीति की बातें एक श्लोक जो बताता है कौन है आपका शुभचिंतक | Chanakya Niti ki baatein hindi mein

ये तो हम सभी जानते हैं कि आचार्य चाणक्य कितने विद्वान थे। आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में ऐसी बहुत सी बातें बताई हैं जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत उपयोगी है उन्हीं बातों में से कुछ बातों को हम आपके लिए लेकर आए हैं इन्हें जरूर पढ़िएगा और अपने जीवन में लागू करिएगा।

चाणक्य नीति की बातें 1 श्लोक जो बताता है कौन है आपका शुभचिंतक | Chanakya Niti ki baatein hindi mein

दोस्तों आज की दुनिया में सभी लोगों ने अपने चेहरे के ऊपर एक मुखोटा पहन रखा है, हम पहचान नहीं पाते कौन अपना है कौन पराया, लोग हमारे साथ खड़े होकर भी हमारा बुरा चाहते हैं, तो दोस्तों आज हम बात करते हैं चाणक्य के एक श्लोक के बारे में जिसमें बताया गया है कि वे कौन से व्यक्ति हैं जो हमारे असली शुभचिंतक होते हैं:-

चाणक्य नीति की बातें | Chanakya Niti ki baatein hindi mein

आचार्य चाणक्य कहते हैं-

आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षेत्र शत्रुसंकटे।

राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बांधव:।

1- दुःख, दर्द  और गरीबी में साथ देने वाला व्यक्ति आपका शुभ चिन्तक होता है। 

2- जब दुश्मन परेशान करे तब जो इंसान मदद करे वो हमारा शुभ चिंतक होता है। 

3- शासकीय कामों और अधिकारियों की वजह  से  आने वाली परेशान में मदद करने वाला इंसान हमारा शुभ चिंतक होता है। 

4- घर-परिवार में किसी की मृत्यु के समय साथ रहने वाला इंसान हमारा शुभ चिन्तक होता है।

ऊपर बताए गए चार प्रकार के लोग हमारे असली शुभचिंतक होते है, और बाकी जो होते हैं उन्हें हमारी चिंता नहीं वे चिंता करने का दिखावा करते हैं। क्या आपको भी कभी किसी ने सही समय पर धोखा दिया है कमेंट में जरूर शेयर कीजिएगा!

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