क्या आजादी के बाद आज भी हम गुलाम है जानिए क्यों | Kya azadi ke baad bhi hum Gulam hain

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क्या आजादी के बाद आज भी हम गुलाम है | Kya azadi ke baad bhi hum Gulam hai

आज हम जानेंगे क्या आजादी मिल जाने के बाद भी हम गुलाम हैं और यदि गुलाम है तो किसके गुलाम है?

दोस्तों अब से कुछ साल पहले अंग्रेजो ने हमें आज़ादी तो दे दी थी और उस आज़ादी का हमने भरपूर लाभ भी उठाया, दुनियां में हिंदुस्तान की एक अलग पहचान बनाई, हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हुए जिन्होंने पूरी दुनियां में भारत का नाम रोशन किया और कुछ तो आज भी कर रहे हैं।

लेकिन इस सब के बावजूद हम आज भी गुलाम बने हुए है, जी हां!! हम गुलाम है अपनी ओछी मानसिकता और छोटी सोच के! हमारे देश में सभी तरह के संसाधन होते हुए भी हम उनका पूरा लाभ नहीं उठा पाते क्योंकि हम अपनी संस्कृति और अपने इतिहास से ना सीखकर, उन पुरानी परंपराओं और रूढ़िवादी सोच से सीखते है जो हमें हमारे नेता और कुछ ढोंगी बाबा हमें सीखते हैं, और यही हमारे पिछड़ेपन का कारण है।

आज भी बाबागिरी और नेतागिरी के चक्कर में देश की 70% जनता फसी हुई है, हमने अपने आसपास एक लकीर, एक घेरा बना लिया है और सोच लिया है कि हमें इससे बाहर नहीं जाना।

वहीं आज सारी दुनियां भारत कि संस्कृति से सीख ले कर आगे बढ रही है। चाहे हम बात करें अमेरिका की चाहे बात करें इंग्लैंड की यहां तक कि वहां बनाई जाने वाली बहुत सी फिल्में भारत की संस्कृति से ही प्रेरित होती है। 

लेकिन हमने हमारी भारत की संस्कृति और इतिहास से क्या सीखा? कुछ नहीं!! हमने सीखा लड़ना, झगड़ना, नेताओं के तलवे चाटना, रिश्वत लेकर आगे बढ़ना, अंधविश्वास में आकर दुनिया भर के बाबाओं को अपना गुरु मान बैठना। जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। हमें अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाना चाहिए जिससे हमारा विकास होगा।

आज के युवा स्कूल से बाहर निकल भी नहीं पाते हैं और किसी न किसी राजनीतिक पार्टी या धार्मिक समूहों में अपना नाम जुड़वा बैठते हैं, फिर चाहे धरना हो, चाहे तोड़-फोड़ करना, हर जगह इनको आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है, यह बताता है कि हम आज भी गुलाम हैं उन कुछ लोगों के जो हमारे कंधे में बंदूक रख कर अपना शिकार करते हैं। हमारा उपयोग करके हमे एक दूसरे से ही लड़वाते हैं। आजादी तो हमें मिल गई है लेकिन आजाद रहना क्या होता है हम आज तक नही सीख पाए है।

आजादी का असली मतलब है सबको साथ लेकर आगे बढ़ना, अपने विचारों को पूरी तरह खुला छोड़ कर, दुनिया में नई खोजें करना, मानव के विकास को को एक नई ऊंचाई तक ले कर जाना, आने वाले बच्चों का भविष्य सुधारना। “और इंसान बनना”

मेरी इन बातों में जरूर गौर कीजिए दोस्तों और अपने विचार हमे कमेंट में बताइएगा, और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिएगा।

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