दिवाली पूजन सामग्री और पूजा विधि कैसे करें माता लक्ष्मी को प्रसन्न | Diwali Pujan samagri list Deepawali puja vidhi in Hindi

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दिवाली पूजन सामग्री और पूजा विधि | Diwali Puja samagri list Deepawali pujan vidhi

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि दीपावली की पूजा के लिए क्या-क्या सामग्री जरूरी होती है और मां लक्ष्मी की पूजा कैसे की जाती है।

दिवाली पूजन सामग्री और पूजा विधि  Diwali Puja samagri list Deepawali pujan vidhi
दिवाली पूजन सामग्री और पूजा विधि 

दीपावली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लोग इस दिन खुशियां मनाते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं दिए जलाते हैं और मां लक्ष्मी श्री गणेश की पूजा उपासना करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार दीपावली हर साल कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही भगवान राम अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस लौटे थे और उनके वापस लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत करते हुए दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या नगरी में जश्न का माहौल था। तब से ही दीपावली मनाने की परंपरा प्रारंभ हुई और तब से अब तक लगातार चली आ रही है।

दिवाली पूजन सामग्री

गणेश- लक्ष्मी जी की मूर्ति, 

साथ में मां सरस्वती की तस्वीर,

चांदी का सिक्का क्योंकि इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक कहा जाता है,

पूजा के लिए फूल, 

खासकर मां लक्ष्मी को कमल का फूल पसंद है, इसलिए वो सबसे जरूरी है,

इसके अलावा इन सामग्री की जरूरत होती है - चंदन, सिंदूर, कुमकुम, केसर, पांच यज्ञोपवीत, चावल, अबीर, गुलाल, हल्दी, सोलह श्रृंगार का सामान (चूड़ी, मेहंदी, पायल, बिछिया, काजल, बिंदी, कंघा).  5 सुपारी, 5 पान के पत्ते…

फूलों की माला

साबुत धनिया

कुशा और दूर्वा

दीपक

बड़े दीपक के लिए तेल

नारियल

पंच मेवा (मखाना, किशमिश, छुहारा, बादाम, काजू आदि)

गंगाजल या साफ जल

पंचामृत (शहद, दूध, शक्कर, दही, गंगाजल, दूध)

शुद्ध घी से बने आते के दिए

मौसम के हिसाब से फल

मिठाई

इत्र की शीशी

लकड़ी की चौकी आदि

दिवाली पूजन विधि

दीपावली की पूजा दिवाली के मुहूर्त को देखते हुए की जाती है ज्यादातर दिवाली की पूजा का मुहूर्त रात के समय होता है इसीलिए सुबह स्नान करके रात के समय दोबारा तैयार होकर नए कपड़े पहन कर मां लक्ष्मी की मूर्ति और गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करें।

स्थापना करने के लिए एक लकड़ी की पेटी लगाकर उसमें एक स्वच्छ कपड़ा बिछाए उसके बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें।

पूजा करने से पहले स्वच्छ जल दूर्वा की मदद से अपने ऊपर जल छिड़क कर अपने आप को शुद्ध करें इसके बाद पूजा के सभी स्थानों में स्वच्छ जल को या गंगाजल को छिडकें।

इसके बाद नारियल और कलश की स्थापना करें। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा के सामने आटे के दिए रखकर उन्हें जलाएं। प्रतिमाओं के सामने 15 से 20 मिट्टी के दीए जलाएं।

इसके बाद नए कपड़ों और गहनों से गणेश जी और लक्ष्मी जी का श्रृंगार करें। इसके बाद फूल सिंदूर और पान सुपारी लेकर गणेश जी और मां लक्ष्मी को अर्पित करें इसके बाद फल चढ़ाएं, मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप करें और मिठाई का भोग लगाएं।

मिठाई का भोग लगाने के बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें। माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती के लिए यहां क्लिक करें।

आरती हो जाने के बाद घर के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरित करें और अपने आसपास के पड़ोसियों और मोहल्ले में भी प्रसाद का वितरण करें।

माता जी और गणेश जी के सामने रखे हुए मिट्टी के दीयों को उठाकर घर के हर कोने में रख दें आप चाहे तो इसके अलावा भी और दीए जलाकर घर में रख सकते हैं।

दिवाली की पूजा समाप्त हो जाने के बाद दो से तीन पटाखे और फुलझड़ियां घर में जरूर जलाएं इससे बच्चों का मन लगा रहता है और त्यौहार की परंपरा भी बनी रहती है।

लक्ष्मी जी मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता, नमस्त्यै नमस्त्यै नमस्त्यै नमों नम:।

अर्थ - हे मां शक्ति देवी आप सदैव हमारे पास लक्ष्मी (धन) के रूप में निवास करें, हम अपने हृदय से आपको बारंबार प्रणाम करते हैं। 

मां लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें

दिवाली का त्यौहार खुशियां बांटने और खुशियां मनाने का त्यौहार है आपकी पूजा छोटी हो या बड़ी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पूजा करने में 1 से 2 घंटे लगा देते हैं ऐसा जरूरी नहीं है। आपके पास जितनी सामग्री है और आप जितनी पूजा करने में सक्षम है उसी हिसाब से माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करें। अपनी क्षमता से आगे बढ़ कर पूजा करने और दिखावा करने से कोई मतलब नहीं। आप के हृदय में क्या है ये भगवान पहले से जानते हैं इसीलिए कभी भी अपनी पूजा को छोटी या बड़ी नहीं समझना चाहिए। आप सच्चे हृदय से दिवाली की पूजा करिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की कृपा आप पर जरूर बरसेगी। भगवान को प्रसन्न करने का एक ही तरीका है वो है सच्चा मन और सच्चा ह्रदय।

Note - ऊपर दी गई पूजा विधि को हिंदू कैलेंडर, धार्मिक किताबों, कथा, कहानियों आदि से लिया गया है इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर हमारी वेबसाइट की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती।

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