घोड़ा घाट मेला मधुपुरी के बारे में पूरी जानकारी, हर साल लगता है मेला | Ghoda Ghat Mela Madhupuri Mandla

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घोड़ा घाट मेला ग्राम मधुपुरी जिला मंडला | Ghoda Ghat Mela Madhupuri Mandla

ग्राम मधुपुरी जिला मंडला में लगने वाला 3 दिवसीय घोड़ा घाट मेला माह नवंबर-दिसंबर में अग्घन ( मार्गशीर्ष ) की अमावस्या के दिन शुरू होता है और आगे 2 दिनों तक लगातार चलता है। अमावस्या के दिन लगने वाले इस मेले में स्नान का बहुत महत्व होता है ऐसा माना जाता है की घोड़ा घाट मेला के दिन मां नर्मदा में स्नान करने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं और मां नर्मदा अपने भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

घोड़ा घाट मेला ग्राम मधुपुरी जिला मंडला | Ghoda Ghat Mela Madhupuri Mandla
घोड़ा घाट मेला ग्राम मधुपुरी जिला मंडला | Ghoda Ghat Mela Madhupuri Mandla

मेले वाले दिन सुबह से ही स्नान करने वाले लोगों की भीड़ लगने लगती है और दिन भर लगातार स्नान होता रहता है। ऐसा अनुमान है की इस मेले में तीनों दिन मिलाकर आने वाले दर्शकों की संख्या 90 हजार से 1 लाख तक पहुंच जाती है। इस मेले का जिले में अपना एक अलग महत्व है। मेले के पहले दिन हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और मां में नर्मदा स्नान करते हैं कुछ लोग मेला स्थल पर ही भोजन पकाकर पिकनिक मना कर मेले का आनंद लेते हैं। घोड़ा घाट मेले के दौरान मधुपुरी में राम धुन, शिव धुन, भंडारा, मुंडन संस्कार आदि का कार्यक्रम भी किया जाता है।

मधुपुरी और घोड़ा घाट मेले का इतिहास

दंत कथाओं के अनुसार स्थानीय लोगो द्वारा ये माना जाता है की रामायण काल के दौरान भगवान राम का घोड़ा यहां पर नदी का पानी पीने आया था जिसके बाद उसे भगवान राम के पुत्रों लव और कुश के द्वारा पकड़ लिया गया था। तब से ही इस स्थान को घोड़ा घाट कहा गया और यहां पर घोड़ा घाट का मेला लगना प्रारंभ हुआ। इसके बाद समय के साथ यहां एक गांव बस गया जिसे आज हम मधुपुरी ग्राम के नाम से जानते हैं एक अनुमान लगाया जाए तो यहां पर मेला सैकड़ों वर्षों से लग रहा है। (लगभग 1 हजार साल)!! एक और दंत कथा के अनुसार यहां पर कुछ समय के लिए मार्कण्डे मुनि ने तपस्या भी की थी यहां पर प्राचीन महादेव मंदिर भी है जिसे मार्कण्डेय मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

घोड़ा घाट मेला ग्राम मधुपुरी जिला मंडला | Ghoda Ghat Mela Madhupuri Mandla

घोड़ा घाट मेले में रामनगर, पदमी, सुरजपुरा, वरगंवा, मुगली, खगुआ, गूड़ा अंजनिया, आमानाला, घुघरा आदि गांव के लोग आते हैं। मेला स्थल पर छोटे बड़े झूले, जादूगर, सर्कस, सभी प्रकार की दुकानें आदि आकर्षण का केन्द्र रहती हैं। अमावस्या के दिन लोग स्नान करने के बाद मेला क्षेत्र में स्थित मार्कन्डे आश्रम, हनुमान मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर, नर्मदा मंदिर आदि में पहुंचकर पूजा भी करते हैं। मेले में मनोरंजन के साधनों के साथ ही सौंदर्य सामग्री, कपड़े, बर्तन, खिलौनों की जमकर खरीदारी की जाती है। यदि आप भी मंडला जिले के आसपास रहते हैं तो एक बार घोड़ा घाट मेला जरूर आएं।

मधुपुरी घोड़ा घाट मां नर्मदा वीडियो


घोड़ा घाट मेला कब लगता है

नवंबर-दिसंबर में अग्घन ( मार्गशीर्ष ) की अमावस्या के दिन

जिला मंडला से दूरी लगभग 15KM 

मधुपुरी में देखने लायक जगह

मां नर्मदा का घाट

मां नर्मदा का 'ॐ' ओम स्वरूप

मां नर्मदा मंदिर

मार्कन्डे आश्रम

चार धाम मंदिर

प्राचीन महादेव मंदिर मार्कण्डेय मंदिर

मां शीतला मंदिर

मां काली मंदिर

आस्तिक मुनि मंदिर

हनुमान मंदिर 

शिव मंदिर

घोड़ा घाट का मेला

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Note- 
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी स्थानीय लोगों के माध्यम से एकत्र की गई है, इसीलिए इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर हमारी वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।

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