विष्णु का वामन अवतार | डोल ग्यारस के बारे में पूरी जानकारी | जानिए डोल ग्यारस की पूरी कहानी | Dol Gyaras ka mahatva aur Poori kahani

0

डोल ग्यारस के बारे में पूरी जानकारी | डोल ग्यारस क्यों मनाते हैं 

डोल ग्यारस भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है। इसे परिवर्तिनी एकादशी, जलझूलनी एकादशी, और वामन एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है।

परिवर्तिनी एकादशी नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं। इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और अपने नए स्वरूप में प्रकट होते हैं।

जलझूलनी एकादशी नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप का जल पूजन किया जाता है। इस दिन माता यशोदा ने भगवान कृष्ण को नहला-धुलाकर उनका जल पूजन किया था।

विष्णु का वामन अवतार | डोल ग्यारस के बारे में पूरी जानकारी | जानिए डोल ग्यारस की पूरी कहानी | Dol G yaras ka mahatva aur Poori kahani

डोल ग्यारस का महत्व

वामन एकादशी नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। वामन अवतार में भगवान विष्णु ने राजा बलि से तीन पग धरती मांगी थी। राजा बलि ने तीन पग धरती देने का वचन दिया, लेकिन भगवान विष्णु ने अपने पहले दो पग में तीनों लोकों को नाप लिया। तीसरे पग के लिए भगवान विष्णु ने राजा बलि से उनका सिर मांगा। राजा बलि ने अपने सिर को भगवान विष्णु को अर्पित कर दिया। भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया।

डोल ग्यारस की पूरी कहानी

डोल ग्यारस के दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की सवारी को डोले में सजाकर नगर भ्रमण कराया जाता है। इस दिन लोग नदी, तालाब, या कुएं में स्नान करते हैं और भगवान विष्णु को जल चढ़ाते हैं।

डोल ग्यारस के दिन कुछ लोग यह भी मान्यता रखते हैं कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल में पहली बार डोले में बैठकर नगर भ्रमण किया था। इस दिन लोग डोले में बैठकर भगवान कृष्ण के दर्शन करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

डोल ग्यारस एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

डोल ग्यारस के दिन की पूजा विधि इस प्रकार है:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
  • भगवान विष्णु को फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।
  • भगवान विष्णु की आरती करें।
  • भगवान विष्णु से अपने सभी पापों और कष्टों के नाश की प्रार्थना करें।

डोल ग्यारस के दिन कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं, जो लोगों को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने में मदद करते हैं। इन उपायों में शामिल हैं:

  1. इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
  2. इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनें या पढ़ें।
  3. इस दिन जरूरतमंदों को दान दें।

डोल ग्यारस का त्योहार सभी लोगों के लिए एक शुभ अवसर है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)