जानिए नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा कैसे करें | Navratra me Maa Durga ki Puja kaise kare in Hindi

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नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा कैसे करें | Navratra Maa Durga ki Puja kaise kare in Hindi

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा कैसे करें | Navratra Maa Durga ki Puja kaise kare in Hindi
मां दुर्गा जी पूजन विधि

Navratri mein MAA Durga ki Puja kaise karen step by step

दुर्गा जी पूजन विधि - हिंदू धर्म में दुर्गा पूजा का विशेष स्थान है। मां दुर्गा की पूजा करते समय कई विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है क्योंकि मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि नवरात्रि के समय में मां दुर्गा की पूजा कैसे करनी चाहिए और मां दुर्गा के पूजन विधि का सही तरीका क्या है।

मां दुर्गा जी पूजन विधि

मां दुर्गा की पूजा की शुरुआत करने से पहले शुरुआत में सबसे पहले साफ आसान बिछाकर बैठ जाएं। आसन में बैठने के बाद अपने ऊपर साफ जल से जल छिड़कें और आचवन करें। साथ में ॐ केशवाय नम: ॐ महादेवाय नमः ॐ नारायणाय नमः का जाप करते हुए हाथ में जल लेकर हाथ धो लें। हाथ में चावल एवं फूल लेकर मां दुर्गा का ध्यान करें। साथ में इस मंत्र का जाप करें।

आगच्छ त्वं महादेवि। स्थाने चात्र स्थिरा भव।

यावत पूजां करिष्यामि तावत त्वं सन्निधौ भव।।

'श्री जगदम्बे दुर्गा देव्यै नम:।' दुर्गादेवी-आवाहयामि! - फूल, चावल चढ़ाएं।

'श्री जगदम्बे दुर्गा देव्यै नम:' आसनार्थे पुष्पानी समर्पयामि।- भगवती को आसन दें।

श्री दुर्गादेव्यै नम: पाद्यम, अर्ध्य, आचमन, स्नानार्थ जलं समर्पयामि। - आचमन ग्रहण करें।

श्री दुर्गा देवी दुग्धं समर्पयामि - दूध चढ़ाएं।

श्री दुर्गा देवी दही समर्पयामि - दही चढा़एं।

श्री दुर्गा देवी घृत समर्पयामि - घी चढ़ाएं।

श्री दुर्गा देवी मधु समर्पयामि - शहद चढा़एं

श्री दुर्गा देवी शर्करा समर्पयामि - शक्कर चढा़एं।

श्री दुर्गा देवी पंचामृत समर्पयामि - पंचामृत चढ़ाएं।

श्री दुर्गा देवी गंधोदक समर्पयामि - गंध चढाएं।

श्री दुर्गा देवी शुद्धोदक स्नानम समर्पयामि - जल चढा़एं।

आचमन के लिए जल लें,

श्री दुर्गा देवी वस्त्रम समर्पयामि - वस्त्र, उपवस्त्र चढ़ाएं।

श्री दुर्गा देवी सौभाग्य सूत्रम् समर्पयामि-सौभाग्य-सूत्र चढाएं।

श्री दुर्गा-देव्यै पुष्पमालाम समर्पयामि-फूल, फूलमाला, बिल्व पत्र, दुर्वा चढ़ाएं।

श्री दुर्गा-देव्यै नैवेद्यम निवेदयामि-इसके बाद हाथ धोकर भगवती को भोग लगाएं।

श्री दुर्गा देव्यै फलम समर्पयामि- फल चढ़ाएं।

तांबुल (सुपारी, लौंग, इलायची) चढ़ाएं- श्री दुर्गा-देव्यै ताम्बूलं समर्पयामि।

अंत में मां दुर्गा देवी की आरती करें।  

मां दुर्गा की आरती पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखें

1 सबसे पहले नवरात्रि के पहले दिन 9 दिनों के व्रत के उपवास का संकल्प करें। इसके लिए सीधे हाथ में जल लेकर उसमें थोड़े से चावल फूल और सुपारी और ₹ का सिक्का रखें। हो सके तो किसी ब्राह्मण को इसके लिए बुलाए। यदि आप ब्राह्मण को नहीं बुला सकते तो आप स्वयं खुद ही संकल्प ले सकते हैं संकल्प लेने के बाद माता का नाम ले और माता जी के चरणों में जल चावल फूल को अर्पित कर दें।

2. नवरात्रि के उपवास के दिनों में प्रातः काल सुबह उठकर जल्दी नहाए और घर की साफ सफाई करें। पूरे घर में स्वच्छ जल का छिड़काव करें इसके बाद ही माता जी की पूजा प्रारंभ करें। पूजा करते समय स्वच्छ पानी और थोड़ा दूध से माता को स्नान कराएं इसके बाद कुमकुम चंदन फूल अक्षत और सुगंधित चीजें जैसे अगरबत्ती धूप आदि का उपयोग करें। माताजी को मिठाई का भोग लगाएं आरती करें और मिठाई को प्रसाद के रूप में कन्याओं और भक्तों को बांट दें। नवरात्रि के पहले दिन घी या तेल का दीपक लगाएं और ध्यान रखें जो दीपक आप जला रहे हैं उसे जोत कहते हैं ये दीपक 9 दिनों तक लगातार जलते रहना चाहिए बीच में बुझना नहीं चाहिए। इसकी व्यवस्था आपको करनी होगी।

3. नवरात्रि में उपवास के दौरान माता जी की पूजा करने के बाद ही फलाहार करें सुबह माता जी की पूजा करने के बाद आप दूध और कोई फल ले सकते हैं कोशिश करें नमक ना खाएं। इसके बाद दिन भर थोड़ा पानी पीते रहे और माता जी का ध्यान करते रहे। शाम को फिर से माता जी की पूजा और आरती के बाद एक बार और फलाहार करें हो सके तो दूध भी पी ले। शाम के समय माता जी की पूजा करने के बाद हो सके तो एक कन्या की पूजा करें और कन्या को दक्षिणा में प्रसाद और कुछ पैसे दें।

4. ध्यान रहे नवरात्रि के 9 दिनों में किसी भी तरह के तामसी या मसालेदार भोजन का प्रयोग ना करें। कोशिश करें इन 9 दिनों में लहसुन प्याज मांसाहार अंडा मछली और किसी का जूठा भोजन नहीं करें।

5. नवरात्रि के 9 दिनों में ना तो नाखून काटे और ना ही बाल कटवाए दाढ़ी बनाने से भी दूर रहें और शरीर में तेल की मालिश भी ना करवाएं। कोशिश करें 9 दिनों में दिन के समय ना सोने की दिन के समय माता का पाठ करें और माता के नाम की माला जपते रहें।

6. बीमार या बूढ़े व्यक्ति जो इस तरह का कठिन उपवास नहीं रख सकते उन्हें उपवास नहीं रहना चाहिए। उन्हें सुबह शाम माता जी की पूजा करना चाहिए और अपने डॉक्टर के बताए अनुसार समय-समय पर भोजन लेते रहना चाहिए।

हम आपसे उम्मीद करते हैं कि अब आप समझ गए होंगे कि नवरात्रि के 9 दिनों में माता दुर्गा की पूजा कैसे करनी चाहिए। यदि आप इस तरह का कठिन उपवास नहीं रह सकते तो आप सुबह शाम माता जी की पूजा और आरती कर सकते हैं ऐसा करने में किसी भी तरह की कोई भी बुराई नहीं है माता रानी अपने भक्तों के दिल की सुनती है इसीलिए 9 दिनों तक सच्चे दिल से माता रानी की सेवा, आरती और पूजा करें आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।

Note: ऊपर बताई गई जानकारी इंटरनेट, हिंदू कैलेंडर, हिंदू शास्त्रों आदि से ली गई है हमारी वेबसाइट ऊपर दी गई जानकारी और पूजा विधि की सच्चाई की कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेती।


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