OMG! क्या आप जानते हैं पहले 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता था नया साल? 🤯 History का यह सच आपको चौंका देगा!
Hey folks! 🎉 नए साल की पार्टी की वाइब अभी तक चल रही होगी, है ना? Resolutions (जो शायद आधे टूट भी गए हों 😂) और 'New Year, New Me' वाले इंस्टाग्राम कैप्शन... सब सेट है।
लेकिन रुको, एक मिनट! ज़रा सोचो, क्या हो अगर मैं कहूँ कि यह पूरा '1 जनवरी' वाला सीन हमेशा से ऐसा नहीं था? क्या हो अगर आपको पता चले कि आपके पर-पर-पर-दादी-दादा (Ancient times वाले) नया साल किसी और ही महीने में मनाते थे? 🧐
तैयार हो जाओ एक छोटे से टाइम ट्रैवल के लिए, क्योंकि यह हिस्ट्री क्लास बोरिंग नहीं होने वाली है! Let's decode this! 👇
तो पहले New Year कब होता था भाई? 🤔
Trust me, यह जानकर आपका दिमाग घूम जाएगा। बहुत पहले, रोमन कैलेंडर में सिर्फ 10 महीने होते थे और नया साल एक्चुअली स्प्रिंग सीजन यानी बसंत के साथ शुरू होता था।
जी हाँ, मार्च के महीने में! 🌸
ज्यादातर पुरानी सभ्यताओं में नया साल 25 मार्च के आसपास (Vernal Equinox) या फिर 1 अप्रैल को मनाया जाता था। लॉजिक सिंपल था – जब नेचर में सब कुछ नया हो रहा है, फूल खिल रहे हैं, तभी तो नया साल होना चाहिए ना? सर्दियों के बीच में कौन सेलिब्रेट करता है यार? 🥶
गेम चेंजर: जूलियस सीज़र की एंट्री 😎
यह सब बदला एक रोमन डूड ने, जिसका नाम आपने पक्का सुना होगा – Julius Caesar. 46 B.C. के आसपास, सीज़र ने देखा कि पुराना कैलेंडर मौसम के साथ मैच नहीं कर रहा है। उसने खगोलविदों (Astronomers) की मदद ली और पेश किया 'Julian Calendar'.
- ✅ उसने कैलेंडर में जनवरी और फरवरी को जोड़ा।
- ✅ उसने डिसाइड किया कि साल अब से 1 जनवरी से शुरू होगा।
Fun Fact: जनवरी का नाम रोमन देवता 'Janus' के नाम पर रखा गया था। Janus के दो चेहरे थे – एक पीछे (पास्ट) देखता था और एक आगे (फ्यूचर)। नए साल के लिए इससे परफेक्ट फिट और क्या हो सकता था? ✨
हालांकि, कई सालों तक लोग कंफ्यूज रहे और बहुत सी जगहों पर लोग मार्च में ही अड़े रहे, जब तक कि 1582 में Pope Gregory XIII ने इसे और पक्का नहीं कर दिया (Gregorian Calendar, जिसे आज हम फॉलो करते हैं)।
क्या 'April Fool' का कनेक्शन यहीं से है? 😜
एक बहुत पॉपुलर थ्योरी (хотя पूरी तरह कन्फर्म नहीं है) यह कहती है कि जब कैलेंडर बदला, तो कुछ लोग अपडेट नहीं हुए और 1 अप्रैल को ही नया साल मनाते रहे।
बाकी लोग, जो जनवरी में शिफ्ट हो गए थे, उन्होंने इन पुराने ख्यालों वाले लोगों का मज़ाक उड़ाना शुरू कर दिया और उन्हें 'April Fools' कहने लगे। अगर यह सच है, तो यह हिस्ट्री का सबसे बड़ा प्रैंक था! 😂🤡
निष्कर्ष: द रियल वाइब ✨
खैर, हिस्ट्री जो भी हो, हम भारतीय हैं भाई! 🇮🇳 हमारे यहाँ तो Gudi Padwa, Baisakhi, Ugadi जैसे त्योहारों के साथ साल में कई बार 'नया साल' वाली फीलिंग आती है।
और सच कहें तो, क्या फर्क पड़ता है कि कैलेंडर पर तारीख 1 जनवरी है या 1 मार्च? असली बात तो यह है कि हम बदलाव के लिए कब तैयार हैं। जैसा कि किसी बहुत समझदार इंसान ने कहा है:
तो चाहे आज कोई भी तारीख हो, अगर आपको कुछ नया शुरू करना है, तो बस कर डालो! उसके लिए जनवरी का इंतज़ार मत करो। Just start! 🚀
