पुत्रदा एकादशी व्रत कब है? 30–31 दिसंबर 2025: महत्व, पूजा विधि और नए साल की शुरुआत

31 December 2025 ko Putrada Ekadashi vrat par Vishnu puja karte hue Hindu parivar ka shant drishya

पुत्रदा एकादशी व्रत कब है? 30–31 दिसंबर 2025: महत्व, पूजा विधि और नए साल की शुरुआत

पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं – एक पावन व्रत जो खासकर घर में संतान सुख, परिवार की समृद्धि और स्वास्थ्य के लिये मनाया जाता है। यह साल 2025 की आखिरी एकादशी भी है, जो 30 और 31 दिसंबर को आती है। 1

📅 पुत्रदा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 30 दिसंबर 2025 को सुबह के समय से शुरू होकर अगले दिन 31 दिसंबर 2025 को सुबह तक रहती है। इसलिए कई लोग इसी दिन व्रत रखते हैं और पारण अगले दिन सही समय में करते हैं। 2

यह व्रत नए साल से ठीक पहले आता है, जिससे परिवार में आशा, खुशी और नई शुरुआत का भाव और भी बढ़ जाता है।

🌼 पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व

"पुत्रदा" का अर्थ है “संतान देने वाला”. हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति और व्रत से:

  • परिवार में सुख–शांति आती है
  • संतान की इच्छाओं को पूरा करने में सहायता होती है
  • जीवन में समृद्धि और संतुलन बना रहता है

इस दिन भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं और दान-धर्म भी करते हैं। 3

📿 व्रत रखने की विधि

पुत्रदा एकादशी पर व्रत रखने का सरल तरीका:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफाई रखें
  • घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें
  • तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएं और मंत्र जप करें
  • पूजा में सिंदूर, फूल, फल, नैवेद्य अर्पित करें
  • दान करें – अनाज, वस्त्र या भोजन जरूरतमंदों को दें
  • व्रत के दिन सरल उपवास रखें या फलाहार करें

व्रत का पारण अगले दिन दवदशी (31 दिसंबर) को शुभ समय में करें। 4

✨ नए साल के साथ जोड़कर क्यों खास?

पुत्रदा एकादशी 30–31 दिसंबर को आने के कारण यह सिर्फ व्रत ही नहीं बल्कि नए साल से पहले आत्मिक तैयारी भी है। लोग कहते हैं कि इस दिन की भक्ति और शुभ कर्म नए साल की शुरुआत को सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं।

याद रखें: व्रत का मुख्य उद्देश्य सिर्फ उपवास नहीं, बल्कि मन, संस्कार और सकारात्मक सोच को मजबूत करना है।