जानिए नवरात्रि में मां काली की पूजा कैसे करें | Navratri me Maa Kali ki Puja kaise kare

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नवरात्रि में मां काली की पूजा कैसे करें | Navratri me Maa Kali ki Puja kaise kare

सूर्य उदय से पहले नहा लें । स्वच्छ सफेद या नारंगी कपड़े पहनें। पूजा शुरू करने से पहले आसन पे बैठे।

नवरात्रि में मां काली की पूजा कैसे करें | Navratri me Maa Kali ki Puja kaise kare
Navratri me Maa Kali ki Puja kaise kare

एक दीया जलाये। फूल और मिठाई भगवान् को चढ़ाये। अब गहरा और सच्चे दिल से रुद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करे।

मां काली की पूजा कैसे करें | Maa Kali ki Puja kaise kare

नवरात्र के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों में एक रूप देवी मां काली का भी है। मां काली शक्ति का प्रतीक है जो असुरों और दैत्यों का नाश करती है। नवरात्रि के नौ दिनों में सप्तमी को काली जी का विशेष दिन होता है। काली जी की पूजा करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। देवी के नौ रूपों में सबसे शक्तिशाली मां काली का ही रूप माना जाता है। मां काली बहुत ही गुस्से वाली होती है इसीलिए मां काली की पूजा करते समय सावधानी और परहेज करना बहुत जरूरी है। मां काली की पूजा करने के कुछ नियम है जिन्हें आगे बताया गया है।

मां काली पूजन विधि

1.मां काली जी की पूजा की शुरुआत करने से पहले सबसे पहले स्नान करके अपने आप को स्वच्छ करके सादे साफ कपड़े पहन कर पूजा के लिए आसन लगाएं और सच्चे मन से माता का ध्यान करते हुए आसन पर बैठ जाए।

2. ज्यादातर मां काली की पूजा रात में की जाती है इसीलिए स्नान करके साफ वस्त्र पहन लें फिर एक चौकी ले उस पर लाल कपड़ा बिछाए इस पर मां काली की तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें।

3. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें इसके बाद मां काली को पंचामृत से स्नान कराएं।

4. काली जी को दीपक जलाने के लिए सरसों या तिल के तेल का उपयोग करें। यदि पहले से ही अखंड ज्योत जल रही है तो ठीक है और यदि नहीं जल रही है तो काली जी की पूजा करते समय एक जोत जलाए।

5. इसके बाद मां काली को लाल चुनरी अर्पित करें साथ ही लाल फूलों की माला पहनाए। इसके बाद मां को तिलक, हल्दी, रोली और कुमकुम लगाएं। मां काली को श्रृंगार की सभी वस्तुएं अर्पित करें।

6. मां काली को सिंदूर भी अर्पित करें। इसके बाद मां काली का ध्यान करें यदि आपको मां काली की कथा आती है तो मां काली की कथा अन्य लोगों को सुनाएं या आप चाहे तो कथा सुनने के लिए यूट्यूब का सहारा भी ले सकते हैं। मां काली के मंत्रों का जाप करें। आप चाहे तो काली गायत्री मंत्र या मां के बीज मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

7. इसके बाद मां काली की आरती करें। माता को भोग लगाएं साथ ही सभी को प्रसाद वितरित करें।

8. सबसे आखिर में पूजा में भूल चूक के लिए मां काली से क्षमा याचना करें। ऐसा करने से मां काली अपने भक्तों की सभी प्रार्थनाएं सुनती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

मां काली की आरती पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

9. एक बात का ध्यान रखें मां काली की पूजा करते समय बीच में ना उठें, ज्यादा बात ना करें, मन में बुरे विचार बिल्कुल भी ना आने दें, नित्य दैनिक क्रियाओं से पहले ही फुर्सत हो जाएं इसके बाद मां की पूजा प्रारंभ करें।

10. मां काली जी की पूजा करते समय आप मौन भी धारण कर सकते हैं मौन धारण करते समय मन ही मन देवी मां का कोई भी मंत्र पढ़ते रहिए। ऐसा करने से आपका ध्यान नहीं भटकेगा।

11. मां काली की पूजा करते समय किसी भी तरह की तांत्रिक संबंधित पूजा करने की कोशिश ना करें। सामान्य सात्विक और मानसिक पूजा ही आपको सभी प्रकार के फल प्रदान करेगी।

12. मां काली की पूजा करते समय सप्तश्लोकी दुर्गा, देवी कवच, अर्गला स्तोत्र, कीलकम्,  सातवां अध्याय, देवी सूक्तम, सिद्ध कुंजिका  श्लोक का पाठ करें।

मां काली की पूजा के लिए मंत्र

ऊं जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाह स्वधा नमोस्तु ते।।

( जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा, धात्री, स्वाहा और स्वधा इन नामों से प्रसिद्ध जगदम्बिके, तुम्हे मेरा नमस्कार है। )

काली माँ सर्व सिद्धि प्रभावशाली मंत्र

ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै:

पाठ : सवा लाख, पांच लाख अथवा नौ लाख जाप ;

क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा

नम: ऐं क्रीं क्रीं कालिकायै स्वाहा

ऐं नम: क्रीं क्रीं कालिकायै स्वाहा

इन मंत्रो का सटीक और गुरु सानिध्य में ही सही नियमो से जाप करे । काली मां दुर्गा का ही एक स्वरुप है। मां दुर्गा के इस महाकाली स्वरुप को देवी के सभी रुपों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इसीलिए मंत्रों का जाप करते समय सावधानी बरतें और अपने मन को ना भटकने दें।

ऊपर बताए गए तरीकों से आप मां काली की पूजा आसानी से कर सकते हैं।

Note - ऊपर बताई गई जानकारी को हिंदू शास्त्रों, हिंदू कैलेंडर, कथा, कहानियां और इंटरनेट से सर्च करके लिया गया है। इसमें गलत या सही होने की जवाबदारी हमारी वेबसाइट नहीं लेती।

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