📅 आज का पंचांग
| तिथि | चतुर्थी (रात 09:22 तक), फिर पंचमी |
|---|---|
| नक्षत्र | पूर्वाषाढ़ा (रात 09:53 तक) |
| पक्ष | शुक्ल पक्ष |
| योग | शूल |
| ✅ शुभ मुहूर्त (अभिजित) | 11:47 AM से 12:29 PM |
| ⚠️ राहुकाल (अशुभ) | 08:10 AM से 09:29 AM |
| सूर्योदय / सूर्यास्त | 06:50 AM / 05:24 PM |
💬 पण्डित जी से पूछें
क्या आपको अपनी राशि या किसी खास काम (जैसे यात्रा, खरीदारी) के लिए मुहूर्त जानना है?
🕉️ पंचांग क्या है और आज का मुहूर्त क्यों देखना चाहिए?
सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले 'समय की शुद्धता' जांची जाती है, जिसे हम पंचांग (Panchang) कहते हैं। अगर आप कोई नया काम, गृह प्रवेश, या वाहन खरीदारी करने की सोच रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना अनिवार्य है।
⚠️ राहुकाल: आज किस समय सावधान रहें?
राहुकाल (Rahukaal) दिन का वह समय है जब नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय कोई भी नया बिज़नेस शुरू करना या शुभ यात्रा करना वर्जित है। ऊपर दिए गए टेबल में आप आज का राहुकाल देख सकते हैं।
✅ अभिजित मुहूर्त: सफलता की कुंजी
अगर आपको किसी कार्य के लिए विशेष मुहूर्त नहीं मिल रहा है, तो आप अभिजित मुहूर्त का चयन कर सकते हैं। यह भगवान विष्णु को प्रिय है और इसे 'विजय मुहूर्त' भी कहा जाता है। यह अक्सर दोपहर (लगभग 11:45 से 12:30) के बीच होता है।
आज का चौघड़िया और महत्व
पंचांग के अलावा, तुरंत निर्णय लेने के लिए चौघड़िया देखा जाता है। 'शुभ', 'लाभ' और 'अमृत' चौघड़िया सबसे अच्छे माने जाते हैं। हमारा यह टूल आपको प्रतिदिन के पंचांग की सटीक जानकारी देता है।
अधिक जानकारी या अपनी कुंडली के अनुसार मुहूर्त जानने के लिए ऊपर दिए गए बॉक्स में अपना प्रश्न पूछें।
पंचांग चुनें | शुभ मुहूर्त कैलकुलेटर
अपने काम की तारीख और समय डालकर **शुभ मुहूर्त** और **राहुकाल** जानें।
दिनांक और समय के अनुसार पंचांग क्यों देखें?
सटीक **शुभ मुहूर्त** जानने के लिए केवल आज की तारीख काफी नहीं होती, बल्कि काम शुरू करने का **सही समय (घंटा और मिनट)** जानना भी ज़रूरी होता है। हमारा यह टूल आपको किसी भी दिनांक और समय पर **राहुकाल** जैसी अशुभ चौघड़िया की जाँच करने की सुविधा देता है, ताकि आपके महत्वपूर्ण कार्य जैसे **विवाह, गृह प्रवेश, या व्यापार शुरू करना** हमेशा सफल हों।
हिन्दू पंचांग में शुभ समय का रहस्य
**पंचांग** के पाँच अंग—तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण—किसी भी पल की ऊर्जा को निर्धारित करते हैं। इन सभी का मिलान करके ही शुभ मुहूर्त निकलता है। **शुभ कार्य** हमेशा उस समय में किए जाते हैं जब पंचांग के अधिकांश अंग अनुकूल होते हैं, जिससे व्यक्ति को देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
*अस्वीकरण: यह पंचांग एक सरल गणना पर आधारित है। ज्योतिषीय सलाह के लिए किसी प्रमाणित ज्योतिषी से संपर्क करें।