गांव वाले तरीके से कुम्भड़ा की बड़ी बनाने की विधि | Kumbhda ki Badi Village Style
कुम्भड़ा की बड़ी भारत के गांवों में बनने वाली एक पारंपरिक और देसी रेसिपी है। गांव में इसे कद्दू की बड़ी, कुम्हड़ा बड़ी या कुम्भड़ा बड़ी भी कहा जाता है। पहले के समय में जब फ्रिज नहीं होते थे, तब गांव की महिलाएं सब्जियों को सुखाकर साल भर के लिए संभाल कर रखती थीं। उसी परंपरा से जुड़ी है यह गांव वाले तरीके से कुम्भड़ा की बड़ी बनाने की विधि।
कुम्भड़ा की बड़ी क्या होती है?
कुम्भड़ा यानी कद्दू को कद्दूकस करके, मसालों और बेसन के साथ मिलाया जाता है और फिर छोटी-छोटी बड़ी बनाकर तेज धूप में सुखाया जाता है। गांवों में यह बड़ी खासतौर पर बारिश और सर्दी के मौसम में सब्ज़ी के रूप में बनाई जाती है।
गांव वाले तरीके से कुम्भड़ा की बड़ी बनाने की सामग्री
- कुम्भड़ा (कद्दू) – 1 मध्यम आकार
- बेसन – जरूरत अनुसार
- हरी मिर्च – स्वाद अनुसार
- अदरक – थोड़ा सा (कद्दूकस किया हुआ)
- जीरा या अजवाइन
- हल्दी पाउडर
- धनिया पाउडर
- लाल मिर्च पाउडर
- नमक – स्वाद अनुसार
कुम्भड़ा की बड़ी बनाने का गांव वाला तरीका
1. कुम्भड़ा तैयार करना
सबसे पहले कुम्भड़ा को छीलकर अच्छी तरह धो लें। अब उसे कद्दूकस कर लें और उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद दोनों हाथों से दबाकर सारा पानी निचोड़ लें। गांवों में इसी स्टेप पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है, क्योंकि अगर पानी रह गया तो बड़ी खराब हो जाती है।
2. मसाला मिलाने की देसी विधि
निचोड़े हुए कुम्भड़ा में हरी मिर्च, अदरक, जीरा या अजवाइन, हल्दी, धनिया पाउडर और लाल मिर्च डालें। अब थोड़ा-थोड़ा करके बेसन मिलाएं। ध्यान रखें कि मिश्रण न बहुत गीला हो और न ही ज्यादा सूखा। गांवों में इसे हाथ से अच्छी तरह मसलकर मिलाया जाता है।
3. बड़ी का आकार देना
हाथों में थोड़ा सा तेल लगाएं और मिश्रण से छोटी-छोटी गोल या हल्की चपटी बड़ी बना लें। इन्हें साफ कपड़े या थाली पर एक-एक करके रखें।
4. धूप में सुखाने का गांव वाला तरीका
बड़ी को तेज धूप में 2 से 3 दिन तक सुखाया जाता है। गांव में महिलाएं रोज़ इन्हें पलटती रहती हैं, ताकि बड़ी हर तरफ से अच्छी तरह सूख जाए। जब बड़ी पूरी तरह सख्त हो जाए, तब समझिए कि कुम्भड़ा की बड़ी तैयार है।
कुम्भड़ा की बड़ी को कैसे रखें
पूरी तरह सूखने के बाद बड़ी को एयरटाइट डिब्बे में भरकर रखें। गांवों में पहले इसे मिट्टी के मटके या टीन के डिब्बे में रखा जाता था। इस तरह से रखी गई कुम्भड़ा की बड़ी 5 से 6 महीने तक खराब नहीं होती।
कुम्भड़ा की बड़ी खाने के फायदे
- लंबे समय तक चलने वाली देसी सब्ज़ी
- तेल में तलकर या सब्ज़ी में डालकर बनाई जा सकती है
- गांव के पारंपरिक खाने का स्वाद
- कम खर्च में तैयार होने वाली रेसिपी
कुम्भड़ा की बड़ी से बनने वाली सब्ज़ी
गांवों में कुम्भड़ा की बड़ी की सूखी सब्ज़ी, बड़ी की कढ़ी और बड़ी वाली दाल बहुत पसंद की जाती है। थोड़ी सी बड़ी पूरे परिवार के लिए स्वाद बढ़ा देती है।
निष्कर्ष
गांव वाले तरीके से कुम्भड़ा की बड़ी बनाना आज भी हमारी देसी परंपरा और समझदारी को दिखाता है। यह रेसिपी स्वाद के साथ-साथ सादगी और बचत का भी उदाहरण है। अगर आप असली देसी स्वाद चाहते हैं, तो यह कुम्भड़ा की बड़ी जरूर बनाकर देखें।
