नर्मदा नदी को माँ क्यो कहा जाता है | Narmada Nadi ko maa kyo kaha jata hai

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नर्मदा नदी को माँ क्यो कहा जाता है | Narmada nadi ko maa kyo kaha jata hai

नर्मदा नदी मध्य प्रदेश और गुजरात की एक महत्वपूर्ण नदी है। मध्यप्रदेश में इसका उद्गम होने के कारण इसे "मध्य प्रदेश की जीवन रेखा" भी कहा जाता है। नर्मदा नदी की लंबाई 1312 किलोमीटर है। 1312 किलोमीटर बहने के बाद नर्मदा नदी खंभात की खाड़ी में गिरकर अरब सागर में मिल जाती है। नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक है।

Narmada Nadi ko maa kyo kaha jata hai
Mata Narmada ji 

पूरे मध्यप्रदेश और गुजरात में मां नर्मदा को माता का दर्जा प्राप्त है लोग मां नर्मदा की पूजा एक मां की तरह करते हैं नर्मदा जयंती पर उन्हें चुनरी चढ़ाते हैं और भव्य आयोजन करके उनका प्रोग्राम करते हैं लोगों को प्रसाद बांटते हैं और मां नर्मदा से प्रार्थना करते हैं कि मां नर्मदा ऐसी ही बहती रहे और लोगों का कल्याण करती रहे। अब समझते हैं कि आखिर क्यों भारत में नदियों को और मां नर्मदा को माता कहकर बुलाया जाता है।

नर्मदा नदी को माँ क्यो कहा जाता है

नर्मदा नदी को माँ मान कर उन्हें पूजा जाता है। हिन्दू धर्म मे तो नदियों को देवियों का रूप माना जाता है। आपने मनोज कुमार की फिल्म पूरब और पश्चिम का वो गाना तो सुना ही होगा "भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं" इस गाने में एक लाइन है जिसमें कहा गया है "इतनी ममता नदियों को भी जहां माता कह के बुलाते हैं, इतना आदर इंसान तो क्या पत्थर भी पूजे जाते हैं" अब बात करते हैं कि इस सब की शुरुआत कहां से हुई?

शुरुआत कहाँ से हुई- आदिकाल में जब इंसान जंगलों में रहा करता था तब उसे सबसे ज्यादा जिस चीज की जरूरत थी वो था पानी, जो उन्हें मिलता था नदियों से उस समय मीठे पानी का स्रोत सिर्फ नदियां हुआ करती थी उस समय कुएं और नल की कोई व्यवस्था नहीं थी तो आदि काल में मानव को जहां पर नदी मिला करती थी वे वहीं पर बस जाया करते थे और नदियों को मां समान माना करते थे।

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धीरे-धीरे समय के साथ जब इन नदियों का नामकरण हुआ तो इन्हें मां के नाम से ही पुकारा गया। दोस्तों एक बात और मैं आपको बता दूं कि नदियों का नाम इंपोर्टेंट नहीं है इंपॉर्टेंट है नदियों में बहने वाला पानी इसीलिए हमें पानी को कभी दूषित नहीं करना चाहिए आदिकाल में हमारे पूर्वज इस बात को समझते थे इसीलिए वे नदियों को माता के समान मानते थे और उन्हें पूजा करते थे उनके जल को कभी गंदा नहीं किया करते थे ऐसी सोच हमें भी रखनी चाहिए।

"जय माँ नर्मदे, हर हर नर्मदे हर"

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